मध्यप्रदेश की नदियाँ – Madhya Pradesh Ki Nadiya

मध्यप्रदेश में बहने वाली नदियाँ जो कि मध्यप्रदेश को अन्य प्रदेशों में एक प्रमुख दर्जा दिलाती है। आइये के इस आर्टिकल के माध्यम से हम मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियों (MP River) के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। MP की नदियों के बारे में अक्सर परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते है जिसके लिए आपको यहाँ पर बहने वाली सभी नदियों की जानकारी होना बहुत ही जरूरी हो जाता है। मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियों के नाम निम्न हैं।

भारत में सबसे अधिक नदियाँ मध्यप्रदेश में बहती है इसलिय इसे नदियों का मायका भी कहा जाता है। MP की सबसे बड़ी नदियाँ नर्मदा नदी, चंबल नदी, सोन नदी, ताप्ती नदी और बेतवा नदी है।

मध्यप्रदेश में कुल कितनी नदियां हैं ?

यदि आपके मन में यह प्रश्न है कि मध्यप्रदेश में नदियों की संख्या कितनी है या आप मध्यप्रदेश की सभी नदियों के बारे में जानना चाहते है तो इस लेख में आपको MP (म.प्र.) की लगभग सभी नदियाँ बताएँगे जो प्रमुख रूप से मध्यप्रदेश की नदियाँ मानी जाती है। मध्यप्रदेश में लगभग 30 नदियाँ बहती है (1) जिनके नाम निम्न है-

1. नर्मदा नदी 11. केन 21. कुंदा
2. चम्बल नदी 12. कुंवारी 22. कन्हान
3. ताप्ती नदी 13. वर्धा 23. कुलबेहरा
4. तवा नदी 14. माही 24. खान नदी
5. सोन 15. गार 25. जोहिला
6. बेतवा 16. पेंच 26. मन्दाकिनी
7. काली सिंध 17. बावनथड़ी 27. टोंस
8. कूनो 18. धसान 28. कन्हान
9. वैनगंगा 19. साटक 29. शक्कर नदी
10. पार्वती 20 सिंध 30. परवन

मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी नदी कौन सी है ?

क्या आप जानते है कि मध्यप्रदेश सबसे बड़ी नदी कौन सी है? यदि नहीं तो कोई बात नहीं आज हम आपको मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी और सबसे लंबी नदी के बारे में जानकारी देंगे। M.P की सबसे बड़ी नदी का नाम नर्मदा है और नर्मदा नदी ही मध्यप्रदेश की सबसे लंबी नदी है। आइये नर्मदा नदी के बारे में विस्तार से जानते हैं।

नर्मदा नदी – Narmada River in Hindi

नर्मदा नदी का उद्गम स्थल अमरकंटक है और खंभात की खाड़ी में समाप्त हो जाती है। नर्मदा नदी को मध्यप्रदेश की जीवन रेखा कहते है। इसकी कुल लंबाई 1312 किलोमीटर है जिसमे मध्यप्रदेश में इसकी लंबाई 1077 किलोमीटर है।

नर्मदा देश की पांचवी सबसे बड़ी नदी है। इसकी सहायक नदियॉं किरण, दूधी, हथनी, बंजर, शक्‍कर, शेर, तवा आदि नदियाँ है। यह पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है। नर्मदा के किनारे बसे शहर जबलपुर, होशंगाबाद, महेश्‍वर, ओंकारेश्‍वर, बुधनी और मण्‍डला है।

नर्मदा की सहायक नदियॉं 41 हैं और यहाँ के दर्शनीय स्‍थल धुँआधार, कपिलधारा, दुग्‍धधारा, सहस्‍त्र धारा, मंधार आदि है।

नर्मदा नदी पर परियोजना

  • रानी अवंतीबाई सागर परियोजना – जबलपुर
  • सरदार सरोवर परियोजना – गुजरात, राजस्‍थान, मध्‍यप्रदेश तथा महाराष्‍ट्र की संयुक्‍त परियोजना
  • इंदिरा गांधी नर्मदा सागर परियोजना – खण्‍डवा

(और पढ़ें – नर्मदा नदी विकिपीडिया)

मध्य प्रदेश की सबसे छोटी नदी कौन सी है ?

मध्यप्रदेश की सबसे छोटी नदी कौन सी है यदि आप इस प्रश्न का उत्तर खोज रहें है तो हम आपको बता दें कि भारत के MP में सबसे अधिक नदियाँ है, यहाँ पर लगभग 30 से भी ज्यादा नदियाँ जो की बहुत छोटी छोटी है जिनको अभी तक मापा नहीं गया है इसलिए हम यह नहीं कह सकते है कि मध्यप्रदेश की सबसे छोटी नदी कौन सी है।

मध्यप्रदेश की नदियाँ

चम्‍बल नदी  – Chambal River in Hindi

चंबल नदी का उद्गम स्‍थल जानापाव की पहाड़ी (महू) है। चंबल नदी की लंबाई 965 और ऊँचाई 854 मीटर है। यह राजस्थान में 376 किलोमीटर तक बहती है। चंबल नदी का प्राचीन नाम चर्मणावती है। यह उत्‍तर पूर्व की ओर मध्‍यप्रदेश के धार, उज्‍जैन, रतलाम, मंदसौर जिलों में बहती हुई चौरासीगढ़ के निकट चंबल राजस्‍थान की सीमा में प्रवेश करती है। कोटा में गांधी सागर, राणा प्रताप सागर और जवाहर सागर बांध इसी नदी पर निर्मित हुए है। चंबल नदी राजस्‍थान व मध्‍यप्रदेश के बीच सीमा बनाती है। इसकी सहायक नदियॉं क्षिप्रा, कालीसिंध, पार्वती और वनास है।

चंबल नदी पर परियोजना

  • गांधी सागर बांध परियोजना – मंदसौर, मध्‍यप्रदेश
  • जवाहर सागर परियोजना – कोटा, राजस्‍थान
  • राणा प्रताप सागर परियोजना – चित्तौड़गढ़, राजस्‍थान
  • चम्‍बल परियोजना – मध्‍यप्रदेश व राजस्‍थान की संयुक्‍त परियोजना है।

(और पढ़ें – चंबल नदी विकिपीडिया)

बेतवा नदी – Betwa River in Hindi

बेतवा नदी का उद्गम रायसेन के कुमरा ग्राम से हुआ है और यह उत्तर प्रदेश में हमीरपुर के निकट यमुना में मिलती है। इसकी संपूर्ण लंबाई 480 किलोमीटर है और यह मध्‍यप्रदेश व उत्तर प्रदेश की सीमा बनाती है। बेतवा नदी के किनारे बसे शहर ओरछा, सांची और विदिशा है। बेतवा नदी पर राजघाट बॉंध बना हुआ है जिसकी नींव इंदिरा गांधी ने वर्ष 1971 में रखी थी। बेतवा नदी को “मध्यप्रदेश की गंगा” कहा जाता है।

बेतवा नदी पर परियोजना

  • माताटीला बाँध (महारानी लक्ष्‍मीबाई सागर,) परियोजना – झांसी
  • हलाली नहर परियोजना (सम्राट अशोक सागर परियोजना) – रायसेन विदिशा
  • भांडेर नहर परियोजना – दतिया

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सोन नदी – Sone River in Hindi

सोन नदी का उद्गम अमरकंटक से हुआ है और यह पटना के निकट गंगा में समाप्त हो जाती है। सोन नदी मध्‍यप्रदेश की प्रमुख नदी है इसकी लंबाई 780 किलोमीटर है।

इस नदी का नाम सोन इसलिए पड़ा क्‍योंकि इस नदी के बालू पीले रंग की हैं जो सोने की तरह चमकते हैं। यह नदी झारखण्‍ड के उत्‍तरी पश्चिमी छोर पर सीमा का निर्माण करती है। सोन नदी की अनेक सहायक नदियॉं हैं जिसमें रिहन्‍द और कुनहड मुख्‍य हैं।

परियोजना

बाण सागर परियोजना – यह मध्‍यप्रदेश, उत्‍तरप्रदेश, बिहार की संयुक्‍त परियोजना है

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क्षिप्रा नदी – Shipra River in Hindi

क्षिप्रा नदी का उद्गम स्थल इन्‍दौर की काकरी बर्डी पहाड़ी है और यह चम्‍बल नदी में मिलती है। इसकी लंबाई 195 किलोमीटर है और य‍ह भारत की पवित्र नदियों में से एक है। उज्‍जैन शहर क्षिप्रा नदी के किनारे बसा है और उज्‍जैन में कुम्‍भ का मेला इसी नदी के किनारे लगता है। यह नदी इन्‍दौर एवं देवास के मध्‍य क्षिप्रा नामक स्‍थान से निकलती है।

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ताप्‍ती नदी – Tapti River in Hindi

ताप्‍ती नदी (Tapti River) का उद्गम बैतूल जिले के मुलताई से हुआ है और इसका समापन खंभात की खाड़ी में होता है। ताप्‍ती नदी की लंबाई 724 किलोमीटर है और नर्मदा नदी की तरह यह नदी भी पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है। सूरत शहर ताप्‍ती नदी के किनारे बसा हुआ है।

ताप्‍ती नदी को सूर्य पुत्री भी कहा जाता है, मान्‍यता है कि सूर्य ने स्‍वयं के ताप से बचने के लिये तापी नदी का सृजन किया था। यह नदी पश्चिम सतपुड़ा की ओर श्रेणी के दो पहाडो़ं के बीच से होकर महाराष्‍ट्र राज्‍य के जलगॉंव पठार को पार करके गुजरात राज्‍य में सूरत के मैदान से होते हुए खंभात की खाड़ी में गिरती है। सूरत बंदरगाह इसी नदी के मुहाने पर स्थित है।

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तवा नदी – Tawa River in Hindi

तवा नदी पचमढ़ी महादेव पर्वत से निकलती है और होशंगाबाद में नर्मदा नदी में मिल जाती है। तवा नदी नर्मदा की सहायक नदी है, इसका उद्गम मध्‍यप्रदेश के होशंगाबाद जिले पचमढ़ी देव पर्वत श्रृंखला की कालीभीत पहाडियों में हुआ है। इसकी लंबाई 172 किलोमीटर है और इसकी सहायक नदियॉं शेरनदी, शक्‍कर नदी है। मध्‍यप्रदेश का सबसे लंबा पुल तवा नदी पर स्थित है।

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कालीसिंध नदी – Kali Sindh River in Hindi

कालीसिन्‍ध नदी का उद्गम मध्‍यप्रदेश के देवास जिले के बागली गांव के समीप विंध्‍याचल से हुआ है और यह चंबल में नदी में जाकर समाप्त हो जाती है।

इसकी लंबाई 150 किलोमीटर है जिसमें आहु, परवन, निवाज, उजाड आदि सहायक नदियॉं हैं। इस नदी पर कोटा में हरिश्चन्द्र बांध बना हुआ है।

(और पढ़ें – कालीसिन्‍ध नदी विकिपीडिया)

वैनगंगा नदी – Wainganga River in Hindi

वैनगंगा नदी का उद्गम शिवनी (परसवाड़ा) में हुआ है और इसका अवसान गोदावरी नदी में हो जाता है। वैनगंगा दक्षिण की ओर बहती हुई वर्धा नदी में मिलती है और इसका नाम प्राणहिता हो जाता है। प्राणहिता गोदावरी तक जाती है। इसकी लंबाई 569 किलोमीटर है।

वैनगंगा नदी पर संजय सरोवर परियोजना संचालित है। और यह एशिया का सबसे बड़ा  मिट्टी का बांध है। कन्‍हान नदी, बावनथडी नदी तथा पेंच नदी वैनगंगा की सहायक नदियॉं हैं।

(और पढ़ें – वैनगंगा नदी विकिपीडिया)

केन नदी – Ken River in Hindi

केन नदी कैमूर पहाडियों की उत्‍तर-पश्चिमी ढाल से निकलकर मध्‍यप्रदेश के दमोह, पन्‍ना इत्‍यादि क्षेत्रों से होती हुई बॉंदा जिले में चिल्‍ले नामक स्‍थान पर यमुना से मिलती है। इसकी कुल लंबाई 427 किलोमीटर है। केन नदी, यमुना की एक सहायक नदी है जो बुन्‍देलखण्‍ड क्षेत्र से गुजरती है। इस नदी का शहज पत्‍थर मशहूर है।

केन नदी जबलपुर, मध्‍यप्रदेश से प्रारंभ होती है। इस नदी पर बॉंध बनाकर बॉंदा नहर निकाली गई है।

(और पढ़ें – केन नदी विकिपीडिया)

टोंस नदी – Tons River in Hindi

टोंस नदी सतना जिले के मैहर में कैमूर पहाड़ी से निकलती है तथा उत्‍तरप्रदेश, इलाहाबाद के समीप मेजा तहसील में सिरसा नामक स्‍थान पर गंगा नदी में मिल जाती है। टोंस नदी की लंबाई 265 किलोमीटर है। इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ कर्मनाशा नदी और रूपिन नदी हैं।

(और पढ़ें – टोंस नदी विकिपीडिया)

कुंवारी नदी – Kunwari River in Hindi

कुंवारी नदी का उद्गम स्थल शिवपुरी पठारी है यह नदी शिवपुरी पठारी से निकलकर सिंध नदी में जाकर मिल जाती है, इस प्रकार यह सिंध की एक सहायक नदी है। कुँवारी नदी के किनारे बसे शहर विजयपुर और कैलारस है।

(और पढ़ें – कुंवारी नदी विकिपीडिया)

पार्वती नदी – Parvati River in Hindi

पार्वती नदी सीहोर जिले से निकलकर चम्‍बल में मिलती है, इसकी लंबाई 70 किमी है। पार्वती नदी जो कि मध्‍यप्रदेश में बहती है इसे पारा नाम से भी जाना जाता है। इस नदी के किनारे बसे शहर आष्‍टा, राजगढ़, राजापुर है। इसकी सहायक नदियों में ल्‍हासी, अंधेरी, विलास, बरनी, बैंथली आदि प्रमुख हैं।

(और पढ़ें – पार्वती नदी विकिपीडिया)

कूनो नदी – Kuno River in Hindi

कूनो नदी शिवपुरी पठार से निकलकर चम्‍बल में मिलती है। इसकी लंबाई 180 किलोमीटर यह नदी सकरी घाटी में प्रवाहित होती है और बाद में यह नदी मुरैना के पठार को पार कर चम्‍बल नदी में मिल जाती है।

(और पढ़ें – कूनो नदी विकिपीडिया)

मध्य प्रदेश की नदियाँ PDF Download

मध्यप्रदेश की सभी नदियों को पीडीएफ फाइल के रूप में डाउनलोड करने के लिए आप नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करके mp ki nadiya pdf को Download कर सकते हैं।

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